मौसम का स्पोर्ट्स पर असर

मौसम का स्पोर्ट्स पर असर पड़ता है।  जो आउटडोर खेल होते हैं उन पर मौसम सीधे प्रभाव डालता है।  जैसे बारिश के मौसम में  क्रिकेट, हाॅकी और फुटबॉल जैसे खेल मैदान गीले होने के कारण बाधित हो जाते हैं जबकि इनडोर गेम्स पर बारिश का कोई असर नहीं  पड़ता है।

1. आउटडोर खेलों पर मौसम का प्रभाव

आउटडोर खेल खराब मौसम में  सीधे प्रभावित होते हैं।

 

  • बारिश और मैदान की स्थिति :

सर्दियों में ओस और बरसात के मौसम में  बारिश होने के कारण खेल का मैदान गीला हो जाता है जिसके कारण खेल रुक जाता है। आधुनिक समय में खेल के मैदान को पूरी तरह से कवर कर दिया जाता है लेकिन फिर भी मैदान में गीलापन तो आ ही जाता है। इसलिए खेल के मैदान में दौड़ने पर खिलाड़ी को फिसलने का खतरा रहता है।  जिससे उसे चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। साॅकर और फुटबॉल खेल में  सभी खिलाड़ियों के साथ रेफरी को भी मैदान में दौड़ने पड़ता है। गीले मैदान में घास के ऊपर फिसलन बढ़ जाती है।  खिलाड़ियों को  चोट से बचने के लिए प्रोटेक्टिव उपकरणों जैसे स्पोर्ट्स शूज, हेल्मेट, माऊथगार्ड, घुटने/कहनी और कलाई के गार्ड पहनकर ही खेल के मैदान में उतरना चाहिए।

 

  • अत्यधिक तापमान :

अत्यधिक ज्यादा तापमान के  समय खेल के समय खिलाड़ियों को लगातार हाइड्रेटेड रहने की जरूरत होती है। पसीना ज्यादा निकलने से शरीर में नमक की कमी हो जाती है इसलिए इलेक्ट्रोलाइट्स और नमक के पानी का सेवन बीच बीच में करते रहना चाहिए।  अत्यधिक तापमान पर आपकी क्षमता कम होने लगती है। एनर्जी लाॅस को मेंनटेन रखने के लिए बीच बीच में फ्रूट जूस या एनर्जी ड्रिंक्स लेते रहना चाहिए। अत्यधिक ठंड में  भी खिलाड़ी को वार्मअप  रखना होता है।  खिलाड़ी एक ही स्थान पर नहीं खड़े रहना चाहिए।  आपको अगर दौड़ना न भी हो जैसा गोलकीपर का रोल होता है तो भी अपने स्थान पर जागिंग करते हुए शरीर को एनरजाइज बनाये रखना। चाहिए।

 

  • हवा और दृश्यता :

कई बार आउटडोर खेल में  तेज हवा के कारण आपकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। लूज़ सेटिंग्स के कपड़े  न पहनें। सेलिंग में तेज हवा का विपरीत दिशा में  होना आपकी गति को रोकता है। गोल्फ में  आपकी गेंद तेज हवा के प्रभाव में  विचलित हो जाती है। पर्याप्त रोशनी के अभाव में  आपको गेंद भी नहीं  दिखाई देती है। स्काईंग में  रोशनी की कमी से आपको रास्ते में आब्जेक्शन्स  नहीं  दिखाई  दे सकते हैं।  इससे आपकी परफार्मेंस कम हो जाती है।

2. इनडोर खेल और मौसम संबंधी विचार

 

इनडोर गेम्स में आउटडोर खेल की तुलना में  सुविधाएं अच्छी रहती हैं।   जिससे बाहरी वातावरण से संबंधित संक्रमणों का खतरा कम हो जाता है।

  • हवा की क्वालिटी और नमी :

इनडोर गेम्स में  खेल के हाल में   हवा की क्वालिटी, पर्याप्त रोशनी और तापमान का ध्यान रखना  होता  है। हाँ कभी-कभी हवा में  नमी या शुष्कता खेल पर असर जरूर  डालती है। जिससे  दर्शकों तकलीफ होती है  और खिलाड़ियों की क्षमता प्रभावित होती है।   इनडोर गेम्स में  तापमान  खेल के अनुसार अलग-अलग होता है। जैसे जूडो, नेटबॉल, शूटिंग और रोइंग टैंक के लिए 13-16 डिग्री सेल्सियस का तापमान  आदर्श होता है  और बास्केटबॉल के लिए सही तापमान  10-13 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। इनडोर गेम्स में अधिक गतिविधियों के कारण गर्मी पैदा होती है इसलिए तापमान को अधिक नहीं बढ़ने देना चाहिए।

  • यात्रा अवरोध :

खराब मौसम में इनडोर गेम्स  भी प्रभावित होते हैं  जिसके कारण खेलों में देरी होती है और कभी-कभी  खेल या पूरे कार्यक्रम को रद्द करना पड़ता है। खराब मौसम के कारण  कई बार प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ी समय पर स्टेडियम में नहीं  पहुंच पाते हैं क्योंकि कई बार उनकी फ्लाइट लेट या कैंसिल हो जाती है। जिससे खेल प्रतियोगिता में देर होती है या खेल रद्द भी करना पड़ता है।

  • सुविधा प्रबंधन :

खराब मौसम के कारण इनडोर गेम्स में खेल के हाल में  सभी  सुविधाओं का रखरखाव सही से नहीं  हो पाता है। इससे इनडोर  स्टेडियम की आपरेशन और मेन्टीनेंस कास्ट बढ़ जाती है   खराब मौसम के कारण  इनडोर खेल सुविधाओं  में हीटिंग, कूलिंग, रोशनी, साउंड सिस्टम और सेफ्टी प्रोटोकॉल पर खर्च बढ़ जाता है। इससे सुविधाओं के प्रबंधन में परेशानी खड़ी होती है।

 

3. मौसमी परिवर्तन और खेल भागीदारी

 

  • मौसमी खेलों के ट्रेंड्स :

अलग-अलग मौसम में खेल भी अलग-अलग होते हैं  जैसे सर्दियों में या बर्फीले मौसम में पहाड़ों पर स्काईंग ड्राइव प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।  और ग्रीष्मकाल में  सर्फिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इस बार की ग्रीष्मकालीन ओलंपिक सर्फिंग प्रतियोगिता 27 जुलाई से 5 अगस्त 2024  के बीच  तेहुपोओ रीफ पास, ताहिती, फ्रेंच पोलिनेशिया में आयोजित हुई।

  • ट्रेनिंग स्वीकार्यता :

खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन को उत्तम बनाये रखने के लिए अनुकूल मौसम में  ट्रेनिंग कैम्प चलाने चाहिए। इसके लिए उनको पहले से ही तैयारीकर लेना चाहिए। ट्रेनिंग के समय सभी जरूरी सामान, उपकरण, मेडिकल और सेफूटी प्रोटोकॉल का इंतजाम करके रखना चाहिए।   गर्मी में एथलीटों को इलेक्ट्रोलाइट, ग्लूकोज, सोडा साल्ट का सेवन करना चाहिए।   ट्रेनिंग के लिए एथलीट को  सुबह या शाम के समय ट्रेनिंग करनी चाहिए।

  • युवाओं की खेल में  सहभागिता :

खराब मौसम में खेलने के लिए खिलाड़ी तैयार नहीं होते हैं। इसलिए  छोटे बच्चों में उनकी रुचि के अनुसार खेल में  कौशल विकसित करने के लिए कोचिंग देनी चाहिए।

किशोर उम्र के बच्चों में  खेल के प्रति रुचि का विकास तेजी से होता है जिससे उनको मौका देकर उनको तैयार करना चाहिए।

स्कूलों में शारीरिक शिक्षा अनिवार्य होने से बच्चों के पाठ्यक्रम के दौरान खेलों में युवाओं की भागीदारी  बढ़ जाती है।

 

 4. मौसम और प्रमुख खेल आयोजन

 

अच्छे मौसम में  प्रमुख खेलों का  आयोजन करना चाहिए जिससे युवाओं में खेल के प्रति रुचि बढ़ सके।

  • खेल आयोजन में मौसम का असर:

ओलंपिक खेलों के आयोजन या विश्व कप जैसे खेल को आयोजित करने के लिए जब खेल संगठन योजना बनाते हैं तो वह  आयोजन स्थल पर मौसम के पैटर्न पर विचार करते हैं। इसके लिए  आयोजक  संभावित खतरों की पहचान करते हैं उसके बाद उन खतरों से सुरक्षा, चिकित्सा और इमरजेन्सी सेवाओं की प्लानिंग करते हैं। खेल आयोजन में मौसम का विघ्न न पड़े इसके लिए  अलग-अलग स्थानों पर खेलों का आयोजनों किया जाता है।

 

  • ऐतिहासिक मौसमी घटनाएं :

सन् 2021 में आयोजित टोक्यो ग्रीष्मकालीन मैराथन को गर्मी की लहर से बचाने के लिए टोक्यो से 500 मील दूर सपोरो में आयोजित किया गया था। कतर में आयोजित 2019 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की मैराथन को रात 11:59 बजे शुरू किया गया क्योंकि दिन में  वहाँ बहुत तेज गर्मी  पड़ रही थी।  2024 में  पेरिस ओलंपिक आयोजन में  भारी बारिश  और सीन नदी में दूषित जल के खतरे को देखकर  ट्रायथलॉन दौड़ का तैराकी प्रतियोगिता  स्थगित कर दी गयी थी और सितंबर 2023 में न्यूयॉर्क सिटी मैराथन श्रृंखला 18M को भयंकर बाढ़ के कारण रद्द करना पड़ा था।

  •  रणनीतिक स्वीकार्यता :

किसी खेल प्रतियोगिता कार्यक्रम के आयोजन से पहले आयोजकों को कई एंगल से प्रोग्राम बनाने पड़ते हैं।   इनमें  सबसे पहला काम लोकल मौसम के पैटर्न और  पूर्वानुमान  की जानकारी है। इसके बाद खराब मौसम की चेतावनी  सिस्टम्स  का पता लगाना होता है।  जिससे  कोई  आयोजन होने पर जल्दी से  सूचना प्रसारित की जा सके। आयोजकों को आयोजन स्थल पर किसी  इमरजेन्सी घटना होने की दशा में लोगों को तैयार करना होता है।

 

5. भविष्य के रुझान: जलवायु परिवर्तन और खेल

 

  • बदलते मौसम :

जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम का खेलों पर प्रभाव  साफ साफ देखा जा सकता है।  आजकल दुनिया भर के खेल संगठन इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं।  खेल संगठनों को  बदलते मौसम में  प्राकृतिक वातावरण को नियंत्रित करने और  खेल आयोजन में मुश्किलें  हो रही हैं। इससे इतना तो पता चलता ही है कि खेल अपने अस्तित्व के लिए प्राकृतिक वातावरण पर निर्भर हैं।

 

  • स्पोर्ट्स की स्थिरता :
खेलों में स्थिरता कैसे हो और भविष्य में खेल आयोजनों पर मौसम का प्रभाव कैसे असर डालता है यह खेल संघों के लिए चिंता का विषय बन गया है। निम्नलिखित पाँच प्रमुख क्षेत्र  हैं जो खेलों पर स्थायी प्रभाव डाल सकते हैं;

 

  1. एक टिकाऊ खेल इको सिस्टम के लिए टिकाऊ खेल प्रायोजन और सामूहिक भागीदारी के कार्यक्रम का आयोजन।
  2. खेलों में स्थिरता लाने के लिए  खेल संचालन में ईमानदारी बहुत जरूरी तत्व है।
  3. खेलों में स्थिरता के लिए खिलाड़ियों के स्वास्थ्य की चिंता और स्वस्थ समाज की जरूरत है।
  4. खेल के क्षेत्र में  व्यापकता लाने के लिए  समावेशी विकास को बढ़ावा मिलना चाहिए।
  5. जलवायु परिवर्तन का खेलों पर प्रभाव और खेल संगठनों का टिकाऊ प्रथाओं पर जोर देना चाहिए।

 

  • एथलीटों की तैयारी :

एथलीटों को तैयार करने के लिए कुछ खास बिंदुओं पर फोकस करना चाहिए। जैसे-

  1.  एथलीटों का अच्छा स्वास्थ्य जो सबसे प्रमुख फैक्टर है।  आपको अपने खिलाड़ियों को दिन प्रति दिन सक्षम बनाना चाहिए।
  2.  एथलीटों को अच्छी नींद लेना बहुत ज़रूरी है। एक रिसर्च के अनुसार पर्याप्त नींद लेने से एथलीटों की गति में 5% बढ़ जाती है।
  3.  आप अपने एथलीटों को अच्छे  प्रदर्शन के लिए एक या दो टारगेट दीजिए और उनको उन्हीं पर फोकस करने के लिए जोर दीजिए।
  4.  आप अपने एथलीटों का मानसिक कौशल विकास जरूर करें। इससे उनका आत्मविश्वास  बढ़ता है।
  5.  आप अपने एथलीटों को रेगुलर प्रैक्टिस और ट्रेनिंग देते रहें। और इस समय उनको उनके लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करते रहें।