मौसम विज्ञान विभाग पश्चिमी भारत में मौसम विज्ञान विभाग के दो प्रमुख क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र बनाये हैं जिनका मुख्यालय नागपुर और मुम्बई में बनाया गया है यह दोनों मौसम विज्ञान विभाग के केंद्र डिप्टी डायरेक्टर जनरल के अंडर फंक्शन करते हैं। इसके अलावा मौसम विज्ञान विभाग ने पुणे में कृषि मौसम विज्ञान विभाग स्थापित किया है। और सभी राजधानियों में मौसम विज्ञान विभाग के आफिस बनाये हैं।
पश्चिमी भारत के राज्यों में महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात और राजस्थान आते हैं।
महाराष्ट्र के मौसम की जानकारी
यह राज्य भारत के पश्चिमी प्रायद्वीप क्षेत्र में स्थित है। महाराष्ट्र को चार क्षेत्र पश्चिमी महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, कोंकण, विदर्भ में बाँटा गया है जबकि प्रशासनिक दृदृष्टिकोण से छः डिवीजन बनाये गये हैं ये छः डिवीजन अमरावती मंडल, औरंगाबाद मंडल, कोकण मंडल, नागपुर मंडल, नाशिक मंडल, पुणे मंडल हैं। इनको ऐसे भी समझ सकते हैं मुंबई कोंकण, पुणे पश्चिमी महाराष्ट्र, नासिक खानदेश, औरंगाबाद मराठवाड़ा, अमरावती विदर्भ और नागपुर विदर्भ। इनमें से कुछ क्षेत्र अधिक उन्नत और सिंचित क्षेत्रों में से एक है। जबकि मराठवाड़ा और विदर्भ के क्षेत्र तेज धूप और गर्मी के मौसम की मार झेलने के लिए मजबूर हैं।
पश्चिम में अरब सागर का लंबा तटीय क्षेत्र है, मराठवाड़ा में पठार है, इसके पश्चिम में उत्तल सीमाएँ सह्याद्रि पर्वतमाला है
राज्य में उष्णकटिबंधीय मानसूनी मौसम रहता है। फरवरी, मार्च से ही भीषण गर्मी शुरू हो जाती है। जून के महीने में बारिश का मौसम बन जाता है। यह मानसूनी मौसम हल्की सर्दी और हवा में नमी या आर्द्रता के साथ बना रहता है। गर्मियों के मौसम में धूल भरी आँधी और तूफान आते हैं। पश्चिमी समुद्री बादलों के आने से भारी मौसमी बारिश होती है और सह्याद्रि पर्वतमाला पर 400 सेमी से अधिक वर्षा होती है। पश्चिमी पठारी जिलों में कम वर्षा लगभग 70 सेमी रह जाती है। जबकि सोलापुर-अहमदनगर क्षेत्र का मौसम सूखा रह जाता है। मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में मौसम के अंत में पूर्व की ओर के मानसून के कारण थोड़ी बारिश हो जाती है। यहाँ बारिश के मौसम के छोटे-छोटे दौर आते हैं और लंबे समय तक सूखा रहता है। मौसम विज्ञान विभाग मौसम संबंधी जानकारी हिन्दी, अंग्रेजी और मराठी में अपनी वेबसाइट पर अपलोड करता रहता है। मराठी में मौसम (हवामान) के समाचार दिखाए जाते हैं।
गोवा के मौसम की जानकारी
गोवा क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा राज्य है और जनसंख्या के अनुसार चौथा सबसे छोटा राज्य है। दुनिया में गोवा अपने सुन्दर समुद्री किनारों और सुहावने मौसम के लिये जाना जाता है। गोवा का अक्षांश 14°53’54” और देशान्तर 73°40’33” E है। यहाँ का समुद्री तट 132 किलोमीटर लम्बा है। गोवा का मौसम विज्ञान केन्द्र राजधानी पणजी में है।
गोवा में पर्यटन सबसे प्रमुख उद्योग है। पर्यटन के अतिरिक्त गोवा में लौह खनिज भी विपुल मात्रा में पाया जाता है। समुद्र में मछली पकड़ने का उद्योग भी प्रमुख है लेकिन यहाँ पर मछलियों का निर्यात नहीं होता है बल्कि लोकल मार्केट में बेची जाती है। यहाँ के काजू अच्छे होते हैं जो सउदी अरब, ब्रिटेन और दूसरे यूरोपीय देशों को निर्यात होते हैं। पर्यटन के कारण ही दूसरे उद्योग पर्यटन पर निर्भर रहते हैं।
बरसात के मौसम में गोवा की प्राकृतिक सुन्दरता अदभुत होती है। यह स्थान शांतिप्रिय पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को बहुत भाता है। यहां छोटे-बड़े लगभग 40 समुद्री तट है। गोवा में पर्यटकों की भीड़ सबसे अधिक गर्मियों के मौसम में होती है। इसके बाद उन सैलानियों के आने का सिलसिला शुरू होता है जो यहाँ मानसून के मौसम का मजा लेना चाहते हैं।
गुजरात के मौसम की जानकारी
गुजरात पश्चिमी भारत का एक प्रमुख राज्य है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा जो अन्तर्राष्ट्रीय सीमा भी है, पाकिस्तान से मिलती है। इसके उत्तर में राजस्थान और मध्य प्रदेश उत्तर-पूर्व में है जबकि दक्षिण में महाराष्ट्र है। और दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम में अरब सागर है। इस राज्य को उत्तर, मध्य, दक्षिण, सौराष्ट्र और कच्छ पाँच क्षेत्रों में बाँटा गया है।
राज्य का मौसम विज्ञान विभाग का केन्द्र राजधानी अहमदाबाद में है। इसके अतिरिक्त सूरत, वडोदरा, राजकोट में भी केन्द्र हैं। यह राज्य भी मौसम और प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त रहता है। भूकंप, बाढ़, तूफान जैसी आपदाएं आती रहती हैं।
सर्दियों का मौसम काफी हल्का, सूखा और खुशनुमा रहता है। इस मौसम में दिन का तापमान 24°C और रात के समय 10 °C के आसपास रहता है। इस मौसम में आकाश दिन और रात में पूरा साफ और खुला रहता है। गर्मियों में मौसम बहुत गर्म हो जाता है। गर्मी के मौसम में दिन का तापमान 46 °C और रात में 34 °C के आसपास रहता है। बरसात के मौसम में औसत से लेकर अधिक बारिश होती है। कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बन जाती है। मौसम विज्ञान विभाग हिन्दी, अंग्रेजी के साथ साथ गुजराती भाषा में भी मौसम(હવામાન) के समाचार की बुलेटिन जारी करता है।
गुजरात में घूमने के लिए सबसे अच्छा मौसम अक्टूबर से मार्च तक का है। इस राज्य में पर्यटन के लिए द्वारका, सोमनाथ, अंबाजी भद्रेश्वर, सूर्यमंदिर, और गिरनार जैसे धार्मिक स्थलों के अलावा महात्मा गांधी की जन्मभूमि पोरबंदर तथा पुरातत्व और वास्तुकला की दृष्टि से उल्लेखनीय पाटन, सिद्धपुर, घुरनली, दभेई, बडनगर, मोधेरा, जैसे स्थान भी हैं। यहाँ पर समुद्री तटों में अहमदपुर मांडवी, चारबाड़ उभारत और तीथल प्रमुख हैं इसके अलावा सतपुड़ा पर्वतीय स्थल, गिर वनों के शेरों का अभयारण्य और कच्छ में जंगली गधों का अभयारण्य भी पर्यटकों को आकर्षित करता है इंडस्ट्रीज भी गुजरात में बहुत हैं।
राजस्थान के मौसम की जानकारी
राजस्थान भारत का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है। इस राज्य की एक अंतरराष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान के साथ 1070 km है जिसे रेड क्लिफ रेखा कहा जाता है, तथा 4850 km अंतर्राज्यीय सीमा जो देश के अन्य पाँच राज्यों से भी जुड़ी है। इसके दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब, उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा राज्य हैं।
राज्य का मौसम विज्ञान विभाग का जयपुर में मौसम विज्ञान केन्द्र स्थित है।
राज्य के पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। अरावली पहाड़ियों की श्रंखला राजस्थान की एक मात्र पर्वत माला है। पर्यटन की दृष्टि से माउंट आबू ,देलवाड़ा मंदिर राजस्थान में चार बाघ अभयारण्य, रामगढ़, मुकंदरा हिल्स, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं। राज्य के भरतपुर के समीप केवलादेव उद्यान है, जिसको पर्यावरण और वन मंत्रालय ने सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों की बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति और अनेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। राजस्थान का जैसलमेर क्षेत्र भारत का सबसे गर्म स्थान है। इस क्षेत्र में सौर ऊर्जा संयंत्र बहुत ज्यादा स्थापित हो रहे हैं।
राजस्थान का मौसम शुष्क से कम आर्द्र मानसूनी जलवायु का रहता है। अरावली के पश्चिम में वर्षा बहुत कम होती है। यहाँ के मौसम में दैनिक एवं वार्षिक औसत टेम्परेचर डिफरेंस बहुत रहता है। कम नमी या आर्द्रता और तेज हवाओं के कारण मौसम शुष्क रहता है। अरावली के पूर्व में मौसम कम शुष्क एवं हल्का नम या आर्द्र रहता है। राज्य की अक्षांशीय स्थिति, समुद्र से दूरी, समुद्र तल से ऊंचाई आदि राज्य के मौसम को प्रभावित करते हैं। और अरावली पर्वतमाला भी यहाँ के मौसम को प्रभावित करती है।