मौसम विभाग क्या है?

मौसम विभाग, भारत सरकार की एक एजेंसी है जो मौसम विज्ञान विभाग के अंतर्गत काम करती है। पहले यह विभाग विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन होता था लेकिन अब यह विभाग पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन काम करता है। मौसम विभाग भारत में प्राचीन काल से ही मौजूद है। आर्यभट्ट और वराहमिहिर के समय उनकी बृहद संहिता में मौसम का अनुमान लगाने का विवरण मिलता है। लगभग सभी देश अपने यहाँ मौसम विज्ञान विभाग रखते हैं। वैश्विक स्तर पर विश्व मौसम संगठन काम करता है। भारत में राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र नई दिल्ली में स्थित है।

मौसम विज्ञान विभाग देश के अलग-अलग हिस्सों से मौसम से संबंधित जानकारी जुटाता है फिर उनका अध्ययन करता है। उसके बाद अपने निष्कर्ष निकालकर पूर्वानुमान की घोषणा करता है।

भारत में मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना 

हमारे देश में मौसम विज्ञान का अध्ययन प्राचीन काल से हो रहा है। आधुनिक युग में मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना सन् 1875 ई में हुई थी। हमारे देश का मौसम विज्ञान विभाग, विश्व के प्रमुख मौसम विज्ञान संगठन के छह क्षेत्रीय विशेष मौसम विज्ञान केन्द्रों में से एक है। वर्तमान समय में भारत में कई मौसम विज्ञान केन्द्र बनाये गये हैं जिनमें से नागपुर, चेन्नई, मुम्बई, गुवाहाटी, कोलकाता, नई दिल्ली प्रमुख हैं और सभी राज्यों की राजधानियों के  साथ-साथ कई अन्य शहरों में भी मौसम विज्ञान विभाग के केंद्र बनाये गये हैं।

मौसम विभाग के काम

मौसम विज्ञान विभाग के केंद्र मौसम से जुड़ी सभी जानकारी और डाटा इकट्ठा करते हैं। फिर उनका अध्ययन और विष्लेषण करने के बाद उन डेटा को विभाग वार बाँट कर संबंधित विभागों को अपने पूर्वानुमान बताते हैं।  जैसे कृषि से जुड़ी सभी जानकारी कृषि विभाग को संचार से संबंधित जानकारी दूरसंचार या संचार विभाग को सूचना से संबंधित जानकारी सूचना केन्द्रों को और फौज से जुड़ी सभी जानकारी रक्षा मंत्रालय को इत्यादि।

भारत सरकार के मौसम विज्ञान विभाग की दूर संचार सेवाओं में सूचना सिस्टम और सेवा विभाग मौसम संबंधी डेटा इकट्ठा करता है और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन संसाधित सूचनाओं को भेजता है। इसके लिए सभी मौसम विज्ञान केन्द्रों का एक एकीकृत नेटवर्क बनाया गया है जो दो स्तर पर काम करता है। पहला विश्व मौसम संगठन जो विश्व स्तरीय मौसम निगरानी के प्रोग्राम संचालित करता है और दूसरा राष्ट्रीय मौसम विज्ञान दूरसंचार नेटवर्क है जो  देश में राष्ट्रीय स्तर पर मौसम से संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाता है।

 

मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान

मौसम विज्ञान विभाग कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपने पूर्वानुमान देता है जैसे समुद्री पूर्वानुमान, समुद्र के भीतर और उसके ऊपर संभावित गतिविधियों और बदलावों की भविष्यवाणी करता है। दूसरा फाॅग, तूफान, आँधी, बरसात आसमान में बादलों के बनने और गर्ज़ चमक के साथ बारिश की संभावनाओं की भविष्यवाणी करना। तीसरा वायु की गुणवत्ता और प्रदूषण स्तर का पूर्वानुमान। चौथा पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम का पूर्वानुमान जिससे कि पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा करने वाले टूरिस्टों को पहले से ही आगाह कर दिया जाय।  इसके अलावा मौसम विज्ञान विभाग विद्युत क्षेत्र, पर्यटन, तीर्थयात्रा,  राजमार्ग आदि के बारे में भी पूर्वानुमान बताता है। मौसम विज्ञान विभाग निम्नलिखित पूर्वानुमान बताकर हमारी बड़ी सहायता करता है।

  • मौसम संबंधी डाटा को लेकर मौसम से प्रभावित होने वाली गतिविधियों जैसे कृषि, सिंचाई, जहाजरानी, विमानन, अपतटीय खनिज तेल की खोज, आदि के बेहतर प्रबंधन और संभावित खतरों से बचने के लिए मौसम की वर्तमान और पूर्वानुमान संबंधी जानकारी प्रदान करना।
  • उष्णकटिबंधीय चक्रवात, तूफान, सुनामी  धूल भरी आँधी, भारी वर्षा, ओलावृष्टि  और बर्फबारी, शीत और उष्ण लहर आदि जैसी गंभीर मौसम की घटनाओं की चेतावनी देना, जो मनुष्य के  जीवन और संपत्ति के विनाश के कारण बन सकते हैं। इसलिए वह पहले से ही सतर्क कर देता है।
  • मौसम विज्ञान विभाग कृषि, जल संसाधनो के प्रबंधन, उद्योगों, खनिज तेल की खोज और अन्य राष्ट्र निर्माण संबंधी गतिविधियों के लिए आवश्यक मौसम संबंधी आँकड़े प्रदान करता है।
  • मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों में अनुसंधान को संचालित करता और उनकी मदद करता है। युद्ध काल में मौसम विज्ञान विभाग  सेना को युद्ध क्षेत्र की परिस्थितियों और युद्ध के मैदान की सटीक जानकारी देकर सेना के खतरों को कम करने में मदद करता है।
  • मौसम विज्ञान विभाग भूकंपों के स्थान और केंद्र बिंदु का पता लगाना और उनका पता लगाने और विकास परियोजनाओं के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भूकंपीयता का मूल्यांकन करता है।

 

मौसम विज्ञान विभाग के उत्पाद 

मौसम विज्ञान विभाग अपने अध्ययन, अनुसंधान और पूर्वानुमान के आधार पर निम्नलिखित सूचनाएं देता है।

  • किसी शहर का पूर्वानुमान, राज्य या किसी क्षेत्र विशेष में अल्पकालिक से मध्य और लंबे समय तक का पूर्वानुमान।
  • ऋतुओं का पूर्वानुमान, मैदानी, समुद्री,और पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम का पूर्वानुमान।
  • चक्रवात, मानसून, वर्षा, विभिन्न शहरों का अधिकतम और न्यूनतम तापमान, वायु में नमी, वहाँ के आसमान की स्थिति इत्यादि  का पूर्वानुमान।
  • कृषि मौसम की जानकारी देना, किसानों को उचित सलाह देना ताकि उनकी उपज बढ़ सके। कृषि संबंधी खतरों से आगाह करना आदि।
  • पूरे भारत की क्षेत्रवार मौसम की मासिक रिपोर्ट देना।

 

निष्कर्ष

इस तरह से हम देखते हैं कि मौसम विज्ञान विभाग का आज के समय में बहुत काम बढ़ गया है।  हमारे जीवन में मौसम विज्ञान विभाग का समय के साथ प्रभाव बढ़ता जा रहा है।  अब आप अपने हाथ में पकड़े मोबाइल पर मौसम विज्ञान विभाग की भविष्यवाणी आसानी से जान सकते हैं। और उसके अनुसार अपनी कार्य योजना बना सकते हैं।  किसान भाई भी मौसम विज्ञान विभाग की भविष्यवाणी और पूर्वानुमान के आधार पर अपनी फसल की योजना बना सकते हैं।  जीवन के हर क्षेत्र में मौसम विज्ञान विभाग का महत्व दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है।