मध्य भारत में मौसम विज्ञान विभाग का मौसम विभाग केन्द्र मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में है और दूसरा केन्द्र छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जो 2002 से पहले एक मध्य प्रदेश था भारत का केन्द्रीय भाग है। इसलिए इसे मध्य भारत कहा जाता है।
मध्य भारत का मौसम उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के समान ही रहता है।
मध्य प्रदेश के मौसम की जानकारी
मध्य प्रदेश की सीमाऐं पाँच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, और उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है। राज्य का 30% से अधिक एरिया वन क्षेत्र के अधीन है।
मध्यप्रदेश में मौसम विभाग केन्द्र भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, इन्दौर, छिंदवाड़ा में स्थित हैं। यह सभी केन्द्र मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त कर लोगों तक पहुँचाने का काम करते हैं।
मध्य भारत में सर्दी के मौसम में सबसे ठंडा महीना जनवरी रहता है इस समय औसत तापमान 9° सेंटीग्रेड के आसपास रहता है तो वहीं दूसरी तरफ मई जून के महीने में सबसे अधिक गर्मी होती है जब औसत तापमान 43°सेंटीग्रेड के आसपास होता है।
मध्य प्रदेश में उष्णकटिबंधीय जलवायु है। यहाँ गर्मी का मौसम अप्रैल-जून तक रहता है उसके बाद मानसून अर्थात वर्षा का मौसम जुलाई से सितंबर तक होता है और फिर अपेक्षाकृत शुष्क शरद ऋतु का मौसम आता है। यहाँ औसत वर्षा 1371 मिमी होती है। इसके दक्षिण-पूर्वी जिलों में भारी वर्षा होती है, कुछ स्थानों में तो 2,150 मिमी तक बारिश होती है। पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी जिलों में 1,000 मिमी या कम बारिश होती है।
जून के दूसरे सप्ताह में मानसून अपनी दस्तक देता है। जब मानसून के आते ही हवाओं का रुख लगातार दक्षिण-पश्चिम से होना शुरू हो जाता है। अधिकांश क्षेत्र में दो से तीन दिन तक रुक-रुक कर वर्षा होने लगती है। और मौसम ठंडा हो जाता है। क्योंकि हवा में नमी या आर्द्रता बढ़ जाती है। मध्य भारत का यह राज्य अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण सबसे बेहतर स्थिति में रहता है। यह क्षेत्र भूमध्य रेखा के उत्तर में ऐसी स्थिति में है कि जहाँ न बहुत अधिक गर्मी और न ही अधिक सर्दी होती है। यहाँ का मौसम विश्व में बहुत उत्तम है।
मध्य प्रदेश का इन्दौर शहर अपने मौसम के चलते बहुत मिनी मुम्बई कहा जाता है। इन्दौर का मौसम गर्मियों में न बहुत गर्म और सर्दियों में न अधिक सर्द रहता है। यहाँ पर मानसून भी दूसरे भागों की तुलना में जल्दी आता है और बारिश भी औसत दर्जे की होती है। वहीं पर जबलपुर क्षेत्र का भी मौसम औसत के आसपास ही रहता है। पूरे मध्य प्रदेश में जंगल विन्ध्याचल पर्वत श्रृंखला और नदियों के चलते अधिकांश क्षेत्रफल हरा भरा रहता है। इससे मौसम सुहाना बना रहता है।
मध्य प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से फसलों की खेती की जाती है। जैसे मालवा के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में काली मिट्टी और पठारी भाग के कारण अफीम और कपास की खेती होती है। यहाँ के किसान रतलाम जिले को कपास की अच्छी पैदावार के कारण इसे सफेद सोने का जिला और मंदसौर को काला सोना के नाम से पुकारते हैं।
नर्मदा की घाटी का निमाड क्षेत्र पूरा समतल व उपजाऊ है। नर्मदा के निकट होने के कारण संपूर्ण भाग में दूर तक सिंचाई की सुविधा है। लकड़ियों में सागौन बहुत मात्रा में होता है।
बारिश के मौसम में आर्द्रता 93 और हवाओं की गति 16-20 किलोमीटर प्रति घंटा रहती है। दिन का तापमान 23° से लेकर 30°सेल्सियस तक रहता है।
छत्तीसगढ़ के मौसम की जानकारी
छत्तीसगढ़ के उत्तर में उत्तर प्रदेश और उत्तर-पश्चिम में मध्यप्रदेश, उत्तर-पूर्व में उड़ीसा और झारखंड, दक्षिण में तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और पश्चिम में महाराष्ट्र राज्य की सीमाएं मिलती हैं। यह प्रदेश ऊँची नीची पर्वत श्रंखलाओं से घिरा हुआ घने जंगलों वाला राज्य है। इसके तीन भागों में उत्तर में सतपुड़ा, मध्य में महानदी और उसकी सहायक नदियों का मैदानी क्षेत्र और दक्षिण में बस्तर का पठार है।
छत्तीसगढ़ में रायपुर के अलावा लिमतारा और गौरेला में मौसम विज्ञान विभाग के केंद्र बनाए गये हैं। इसमें लिमतारा में जल मौसम विभाग का केन्द्र है और गौरेला में हवाघर नाम से मौसम विभाग केन्द्र है। छत्तीसगढ़ का मौसम मध्य प्रदेश के मौसम से मिलता जुलता रहता है।
यहाँ की जलवायु या उष्ण उपाद्र जलवायु या उष्ण आर्द्र जलवायु रहती है। कोरिया, सूरजपुर और बलराम जैसे जिले को छोड़कर बाकी का हिस्सा उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है। छत्तीसगढ़ में उष्णकटिबंधीय जलवायु पायी जाती है। और वहाँ पर साल में तीन मौसम पाए जाते हैं। यह ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु और शीत ऋतु हैं।
गर्मी का मौसम 15 फरवरी से 15 जून तक रहता है। जबकि वर्षा का मौसम 15 जून से प्रारंभ होकर 15 सितंबर तक चलता है और सर्दियों का मौसम 15 सितंबर से लेकर 15 फरवरी तक रहता है। बरसात के मौसम में छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा वर्षा बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं के कारण से होती है लगभग 90 % वर्षा बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं के कारण ही होती है।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों में औसत से लेकर ज्यादा बारिश होने के कारण वहाँ की कृषि उपज अच्छी होती है। छत्तीसगढ़ में धान की फसल की पैदावार औसत से ज्यादा होती है। इसीलिए इस राज्य को धान का कटोरा कहा जाता है।
मौसम विभाग केन्द्र के साइन्टिस्ट्स कृषि केन्द्र के विज्ञानियों के साथ मिलकर हर जिले के किसानों को उनकी फसल के लिए जरूरी सलाह, सहायता और चेतावनी देते हैं। जिसका फायदा किसानों को मिलता है।
मौसम विज्ञानी हर जिले के कृषि विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर किसानों को मौसम की जानकारी के साथ ही साथ फसलों की सुरक्षा के लिए बताते रहते हैं। मौसम विज्ञान विभाग अपनी वेबसाइट पर रोज का मौसम अधिकतम और न्यूनतम तापमान, बारिश संभावना, अगले 10-15 दिन के मौसम का पूर्वानुमान और चक्रवात, तूफान, भारी बारिश जैसे खतरों के लिए रेड अलर्ट, कम प्रभाव वाले खतरों के लिए ये लो अलर्ट जारी करते है। जिससे लोगों को भविष्य में होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।