हवा की क्वालिटी?

हवा हमारे जीवन के लिए आवश्यक तत्व है।  इसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं है।  इसके साथ ही साथ हमको हवा शुद्ध भी चाहिए।  क्योंकि दूषित हवा हमारे लिए हानिकारक होती है।  मौसम विज्ञान विभाग ने हवा की क्वालिटी मापने के लिए एक स्टैंडर्ड मापदंड बनाया है जिसे एयर क्वालिटी इंडेक्स अर्थात (AQI) कहते हैं।  आप समाचारों में अक्सर सुनते होंगे कि दिल्ली में हवा की क्वालिटी स्टैंडर्ड AQI से बहुत बढ़ गयी है। या दिल्ली में बढ़ते AQI लेवल के कारण मौसम बहुत खराब हो गया है।

 

एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 

हवा की क्वालिटी मापने के लिए सभी देशों ने अपने-अपने एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाए हैं। ये AQI इंडेक्स किसी शहर या राज्य या देश में हवा की गुणवत्ता को मापते हैं। यह हमें बताते हैं कि मौसम में  हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानदंडों से कितनी अधिक है या कम है। भारत में  मौसम विज्ञान विभाग इसके लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) प्रयोग करता है, जबकि कुछ देश अलग-अलग इंडेक्स का इस्तेमाल करते हैं, जो वहाँ के लोगों के स्वास्थ्य  और प्रदूषण से जुड़ा होता है।

मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स 8 प्रदूषण कारकों ((PM10, PM2.5, NO2, SO2, CO, O3, NH3, और Pb) से मिलकर बना है। यह AQI हवा की गुणवत्ता को मापता है और हवा में घुली गैसों की मात्रा और  को दिखाता है। मौसम विज्ञान विभाग ने AQI के लिए  6 कैटगरी बनाई हैं।

पहला एक्यूआई लेवल 0-50 के बीच है, उसे अच्छा माना जाता है। AQI 51-100 के बीच होने पर संतोषजनक, 101-200 पर मध्यम कहा जाता है और अगर यह 201-300 तक हो तो इसे खराब क्वालिटी का माना जाता है। AQI 301-400 के बीच होने पर बहुत खराब कहा जाता है और यदि AQI 401-500 या उससे अधिक हो तो उसे गंभीर स्थिति में माना जाता है। सर्दियों में दिल्ली के आसमान हवा की क्वालिटी कई बार 500 को पार कर जाती है। यह लोगों की हेल्थ के लिए घातक होती है। ऐसे में मौसम विज्ञान विभाग एडवाइजरी जारी करता है।

दरअसल वायु प्रदूषण के मुख्य घटक पीएम 2.5 और पीएम 10 कण होते हैं जो हवा में सस्पेंडेड अर्थात घुले रहते हैं। जब हवा में इन कणों का लेवल बढ़ जाता है तो ये आपको सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन पैदा करने लगते हैं।

शुद्ध हवा के  तत्व

आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि शुद्ध हवा में कौन कौन से प्रमुख तत्व होते हैं। मौसम विज्ञानियों के अनुसार शुद्ध हवा में कई गैसों का मिश्रण एक उचित अनुपात में  रहता है जिसमें लगभग 78% नाइट्रोजन, लगभग 21% ऑक्सीजन, 0.03% कार्बन डाइऑक्साइड और शेष निष्क्रिय गैसें, धूलकण, जलवाष्प आदि रहते हैं। जबकि प्रदूषित हवा में कई अन्य गैर जरूरी तत्व मिले होते हैं जो हवा के तत्वों  का अनुपात बिगाड़ देते हैं। यही हवा हमारे जीवन पर असर डालती है। यह जीवधारियों और निर्जीव वस्तुओं  दोनों पर अपना असर दिखाती है।

 

खराब क्वालिटी की हवा का मानव जीवन पर असर 

हमारे वायुमंडल में जैसे-जैसे हवा के प्रदूषण का लेवल खराब होने लगता है। वैसे-वैसे लोगों की हेल्थ खराब होने लगती है। इसमें सबसे पहले सांस लेने से जुड़े जोखिम बढ़ जाते हैं। खास करके जो लोग दमा, सांस या हृदय रोग के मरीज हैं उनके लिए खतरा बढ़ जाता है। इस तरह की दूषित हवा छोटे  बच्चों, बुज़ुर्गों, पर सीधे असर डालती है।

 

खराब क्वालिटी की हवा होने पर क्या करें 

जब हवा की क्वालिटी खराब होती है, तो सबसे पहले आप घर के अंदर ही रहें और बाहर की जाने वाली गतिविधियों को कम कर दें। जब भी बाहर निकलना बहुत जरूरी हो तो अच्छी क्वालिटी का N95 मास्क लगाकर ही निकलें। बीच-बीच में पानी पीते रहें।  अगर आपके घर में  कोई हृदय रोग या सांस का मरीज हैं तो आप उनके लिए घर में ही  आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था रखें। अपने घर के आसपास पानी का छिड़काव करते रहें और घरों के आसपास गंदगी इकट्ठा न होने दें। और घरों के आसपास किसी को भी धुआँ पैदा करने के लिए आगे न जलाने दें जैसे कई ठेले वाले  या छोटे ढाबे या होटल वाले तंदूर या भट्टी जलाते हैं उनको रोकना होगा।  अगर आप किसी फैक्ट्री या इंडस्ट्रियल एरिया में रहते हैं तो बेहतर है कि किसी  सुरक्षित स्थान पर कुछ समय के लिए शिफ्ट हो जाएं। आवश्यकता पड़ने पर नेबुलाइजर का इस्तेमाल करें और अपने डाक्टर से संपर्क में  रहें।  समय समय पर मौसम विभाग हवा की क्वालिटी खराब होने को लेकर और सेहत से जुड़ी तमाम सुझाव देता है। एडवाइजरी जारी करता रहता है उनका पालन करें।

निष्कर्ष

मौसम विभाग के अलग-अलग  केन्द्र  अपने अपने शहरों का औसत समय का डेटा दिखाते हैं।  यह औसत डेटा  उस शहर के हर घंटे के हिसाब से, प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों  की मात्रा और AQI का हिसाब लगाता है। हर एक्यूआई का अपना औसत समय होता है।  सामान्य तौर पर, यह समय कम से कम एक घंटे और कभी-कभी कई घंटे का होता है। जैसे अगर आपके शहर में सुबह के समय अक्सर धुएं का प्रदूषण अचानक बढ़ जाता है, तो मौसम विभाग 10 मिनट के औसत के आधार पर खराब एयर क्वालिटी की जानकारी दिखा सकता है।  लेकिन सामान्य दशा में  मौसम विभाग हर घंटे के हिसाब से औसत एयर क्वालिटी दिखाता है। यह एक्यूआई की वैल्यू, आपकी सेहत पर पड़ने वाले असर के बारे में बताता है।